डॉक्टर दादी, एंबुलेंस दादा से लेकर वृक्ष पुरुष तक पद्म पुरस्कार पाने वाले 10 गुमनाम चेहरे

2# ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कैप्टन
– शेखर इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कैप्टन हैं। कर्नाटक के शिमोगा में जन्मे शेखर जन्म से ही दृष्टिहीन थे।
– 8 साल की उम्र में एक ऑपरेशन के बाद शेखर को धुंधला सा दिखना शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। उनकी मां ने उन्हें पूरा सपोर्ट किया। 12 साल की उम्र तक शेखर ने अपने मां-बाप को खो दिया था।
– कर्नाटक के लोकल टूर्नामेंट्स में 46 बॉल में 136 और 249 रनों की पारी खेलने वाले शेखर 2001 में अंडर-18 ब्लाइंड क्रिकेट टीम मेें चुने गए। अंडर-18 टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए।
– इंडिया की ब्लाइंड क्रिकेट टीम ने 2012 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2014 का वर्ल्डकप जीता।
3# 76 साल की तलवारबाज महिला
– केरला की रहने वाली मीनाक्षी अम्मा 76 साल की हैं। उन्हें भारत की सबसे उम्रदराज महिला तलवारबाज कहा जाता है। मीनाक्षी भारतीय मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू में एक्सपर्ट हैं।
– 7 साल की उम्र से उन्होंने मार्शल आर्ट्स की क्लास लेना शुरू कर दिया था।
– 68 साल से ज्यादा समय से मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग दे रही हैं।
4# एंबुलेंस दादा करीमुल
– प. बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में रहने वाले करीमुल हक को सोशल वर्क के लिए पद्मश्री दिया जाएगा। करीमुल हक को एंबुलेंस दादा के नाम से भी जाना जाता है। CONTD….

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– करीमुल हक ने अपने गांव धालाबाड़ी में 24 घंटे की एंबुलेंस सेवा शुरू की।
– करीमुल हक गरीब मरीजों को अपनी बाइक पर लेकर हॉस्पिटल पहुंचाते हैं और कई बार वो उन्हें फर्स्ट ऐड भी देते हैं।

5# वृक्ष पुरुष रमैया
– 68 साल के दरिपल्ली रमैया तेलंगाना के रहने वाले हैं।
– रमैया ने 1 करोड़ पेड़ लगाए हैं और उन्हें वृक्ष पुरुष के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने मन में भारत को हरा-भरा बनाने की ठानी है।
– रमैया घर से निकलते वक्त बीज साथ लेकर चलते हैं और जहां भी उन्हें खाली जमीन दिखाई देती है, वो वहां प्लांटेशन करते हैं।
6# स्वच्छता दूत
– पद्म पुरस्कार पाने वालों में पुणे के डॉक्टर मापुस्कर का नाम भी है। इन्हें स्वच्छता दूत के नाम से जाना जाता है।
– इन्होंने पुणे के देहू गांव में 1960 से ही सफाई अभियान पर जोर दिया। पूरे गांव को खुले में शौच करने से रोका और सफाई के लिए जागरूक किया। 2004 में पूरे गांव में शौचालय बना दिए गए।

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