बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का तूफानी इंटरव्यू

जवाब: ये कौन सा ड्रामा था ये उनपर ही छोड़ दीजिए. अगर कोई सोचता है कि वह फैमिली ड्रामा के चलते सारे आरोपों से बच जाएंगे तो ये उनकी गलतफहमी है. वोटिंग के दिन जनता पूरे पांच साल के अत्याचार को याद करके वोट डालेगी.

सवाल: कहा जा रहा है कि आने वाले चुनाव पीएम मोदी की नोटबंदी पर एक रायशुमारी है. क्या आप इस बात से समहत हैं?

जवाब: ये कहना ठीक नहीं होगा कि रायशुमारी नोटबंदी पर होगा, क्योंकि यूपी में सरकार के विरोध में कई मुद्दे हैं. खनन माफिया बेखौफ होकर भ्रष्टाचार किए जा रहा है. सड़क निर्माण में नेशनल हाइवे (केंद्र सरकार) प्रति किलोमीटर 18 करोड़ रुपए खर्च करती है. वहीं यूपी में 31 करोड़ का टेंडर निकाला जाता है. जनता जानना चाहती है कि ये 13 करोड़ रुपए कहां जाते हैं. चार धाम (उत्तराखंड) से ज्यादा खर्च पर अगर आप यूपी में कंक्रीट सड़क बनाते हैं तो ये पैसा कहां जाता है. इसके बाद भी अगर विरोधी नोटबंदी पर रायशुमारी चाहते हैं तो बीजेपी तैयार है. हम जानते हैं कि यूपी की जनता नोटबंदी और बीजेपी के साथ है और वह कमल निशान पर ही मुहर लगाएगी.

सवाल: तो क्या आपको लगता है कि नोटबंदी से यूपी चुनाव में आपको फायदा होगा?

जवाब: निश्चित रूप से होगा.

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सवाल: क्या आपको लगता है कि नोटबंदी कालेधन को रोकने में कामयाब रहा है?

जवाब: अगर कोई इतने बड़े कदम का विश्लेषण तीन महीने में करना चाहता है तो मैं इसे जल्दबाजी मानता हूं. ये बहुत बड़ी रणनीति का एक हिस्सा है. हमारी सरकार ने जिस दिन शपथ लिया था, उसी दिन से कालेधन के खिलाफ हमारी लड़ाई शुरू हो गई थी.

हमने कैबिनेट की पहली बैठक के पहले ही प्रस्तावना में एसआईटी की उस रिपोर्ट को लागू करवाया, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यूपीए सरकार डेढ़ साल से लटकाए हुए थी. तब से नोटबंदी तक हमारी सरकार कालेधन के खिलाफ 29 से ज्यादा कदम उठा चुकी है. इसके जरिए हमने देश और विदेश दोनों जगहों के कालेधन पर कड़ा प्रहार किया है. मगर, अगर कोई पूछता है कि नोटबंदी से तीन महीने में कालाधन समाप्त हो गया है. तो मैं उससे कहूंगा कि उसे थोड़ा अर्थशास्त्र का अध्ययन करना चाहिए.

सवाल: नोटबंदी के बाद भी काफी सारा पैसा सिस्टम में आ गया है. कहा जा रहा है कि पूंजीपति इस बार भी धूल झोंककर आगे निकल गए. तो क्या आने वाले समय में आप इनपर छापेमारी करवाकर या दूसरे तरीकों से कड़ी कार्रवाई करेंगे?

जवाब: देखिए, ये भ्रांति फैलाई जा रही है कि बैंक में जो पैसा आया है वह सफेद हो गया है. ढाई लाख से ज्यादा जिसने भी पुराने नोट बैंकों में जमा कराए हैं, उनकी एक सूची बनी है. उनपर बहुत सारी एजेंसियां काम कर रही हैं. सरकार कठोर कानून लेकर भी आई है. साथ ही कालेधन वालों को एक मौका और देने का कानून लेकर भी आई है.

मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि किसी का भी कालाधन बैंक में डालने से सफेद नहीं होगा. ये जरूर है कि जो पैसा सिस्टम में आया है उसे गरीबों के कल्याण में लगाया जाएगा.

ये दो जून की रोटी नहीं जुटा पाने वालों पर, जिनके घर नहीं हैं, जिनके घर में लाइट नहीं है, जिसके घर में शुद्ध पीने का पानी नहीं है उसके कल्याण के लिए ही ये पैसा खर्च किया जाएगा. अब तक ये पैसा नेताओं, पूंजीपतियों के तहखाने में बंद था. आज कम से कम बैंक में आ गया.

सवाल: तो आप इसे गरीबों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे?

जवाब: इसकी योजनाएं भी बनी हैं और कैबिनेट इसके लिए प्रस्ताव भी पारित कर रही है.

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सवाल: मोदी सरकार का एक और बड़ा कदम था, पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक. क्या भारत का रवैया पाकिस्तान के प्रति कठोर होगा और आने वाले समय में इसी तरीके से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा?

जवाब: भारत का रवैया पाकिस्तान के प्रति कैसा रहेगा ये पाकिस्तान पर निर्भर रहेगा. हम चाहते हैं कि सबसे अच्छे रिश्ते रहें. पड़ोसियों के साथ शांति हमारी प्राथमिकता है, लेकिन अगर कोई हमारी भावना को निर्बलता समझेगा तो ये भूल होगी. ये बीजेपी की सरकार है. इस सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. सीमाओं की सुरक्षा और जवानों की जान के साथ खिलवाड़ के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. ये सबको समझना पड़ेगा. हमने जो एक कदम उठाया है यह दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और सेना के शौर्य का साझा प्रयास है. इसके कारण पूरे विश्व में भारत को देखने का नजरिया बदला है. मैं मानता हूं कि आने वाले समय में इसका फायदा ही होगा.

सवाल: आने वाले चुनाव में इसका असर दिखेगा, क्या इस मुद्दे पर जनता आपके साथ है?

जवाब: कुछ नेताओं को छोड़कर पूरे देश की जनता हमारे साथ है. आपने राहुल जी का बयान पढ़ा और सुना होगा कि जवानों की खून पर दलाली बंद होनी चाहिए. इस प्रकार का बयान देकर क्या कहना चाहते हैं, मेरी तो आज भी समझ में नहीं आ रहा है.

सवाल: केंद्र में आज आपकी पूर्ण बहुमत की सरकार है. अगर आप उत्तर प्रदेश में भी सरकार बनाएंगे तो राम मंदिर के प्रति आपका क्या रवैया रहेगा?

जवाब: राम मंदिर के बारे में हमारा स्पष्ट रुख है कि संवैधानिक तरीके से राम मंदिर निर्माण का मार्ग तलाशा जाएगा. मंदिर निर्माण या तो आपसी बातचीत से हो सकता है या कोर्ट के आदेश पर. कोर्ट में केस लंबित है और कुछ ही दिन पहले इसकी तारीख थी. जब भी अगली तारीख आएगी, सरकार अपना पक्ष रखेगी. बाकी पार्टियां भी अपना पक्ष रखेंगी.

सवाल: क्या आप और आपकी सरकार राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है?

जवाब: हमारी सरकार संवैधानिक मर्यादा का ख्याल रखते हुए मंदिर निर्माण के लिए कटिबद्ध है.

सवाल: 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में आपने 73 सीटें जीती थीं. लोग इसका दो कारण मान रहे थे. एक तो मोदी जी की लहर दूसरा आपकी रणनीति. तो क्या लगता है कि विधानसभा चुनाव में भी ये दोनों काम करेगा?

जवाब: 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश की इच्छा थी कि कोई मजबूत नेता इस देश का नेतृत्व करे. बीजेपी ने उचित ही निर्णय किया था कि नरेंद्र मोदी को चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया था. पूरे देशभर में जिस तरह से नरेंद्र मोदी की लहर थी वह यूपी में भी थी. मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते आज भी यूपी में बीजेपी के करोड़ों कार्यकर्ताओं का आभारी हूं कि उन्होंने दिन-रात मेहनत कर इस लहर को वोट और सूनामी में तब्दील कराया और 80 में से 73 सीटों पर जीत दिलाई.

मैं ये भी कहूंगा कि यूपी की जनता के उसी फैसले के चलते हम केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार में हैं और देश को आगे ले जा रहे हैं. इस बार भी पूरे उत्तर प्रदेश में जिस तरह की अव्यवस्था है, सपा-बसपा, बसपा-सपा का जो क्रम चला है. जनता त्राहिमाम है, 15 साल से कहीं भी विकास नहीं हुआ, 15 साल से भ्रष्टाचार चल रहा है. 15 साल से कानून व्यवस्था ध्वस्त है. 15 साल से पलायन हो रहा है. बच्चे नौकरी के लिए मुंबई, गुड़गांव, बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली में आते हैं और मां-बाप और पत्नी घर पर हैं. वहीं बेटा यहां पर नौकरी की तलाश में है. उत्तर प्रदेश के पास सबकुछ है. 50 फुट नीचे पानी है, कई किलोमीटर तक समतल भूमि है, मां गंगा और जमुना की कृपा है, पानी की कोई किल्लत नहीं है. मगर मेहनतकश, मेधावी और शिक्षित युवाओं के अव्यवस्थाओं का शिकार होने के चलते यूपी का विकास नहीं हो पा रहा है.

सवाल: प्रधानमंत्री जी की प्रसिद्धि के बाद भी आप बिहार और दिल्ली में चुनाव हारे. वहां की कुछ गलतियां जिससे आप सीखे हों, जो यहां नहीं करेंगे?

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