केरल के मशहूर ब्रेनन कॉलेज की मैगज़ीन के एक स्केच के जरिये राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्रीय गान के अपमान का आरोप लगा है। बताया यह जा रहा है की सी.पी.एम. के छात्र संगठन स.फ.इ. की पत्रिका में सिनेमा हॉल में राष्ट्रीय गान के वक़्त एक महिला और पुरुष को अप्पतिजनक स्थिति में दिखाया गया है।
इस स्केच में राष्ट्रीय ध्वज भी स्क्रीन पे बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, पलेट नाम की पत्रिका ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया’ ने ब्रेनन कॉलेज के एक्सोपचीस साल पुरे होने के मौके पर यह विशेषांक निकाला और इसी विशेषांक में एक पेज पर राष्ट्र गान का मजाक, राष्ट्र ध्वज का मज़ाक उड़ाते हुए दिखाया गया है। जहा एक ओर भारत की सेना का जवान राष्ट्रीय ध्वज के लिए अपनी जान को दाव पे लगा कर सीमा पर सुरक्षा दे रहा है वही दूसरी ओर उस के अपने ही देशवासी उस राष्ट्रीय ध्वज का मजाक बना रहे है।
यह अप्पतिजनक स्केच है, जिससे ले कर विरोध हो रहा है। और वामपंथी विचारधारा की, वामपंथी सोच की यह सबसे शर्मनाक तस्वीर है। अब तक सरकार का भी इस पे कोई खास पक्ष नहीं दिखा है। वही बीजेपी सरकार ने आरोपी छत्रों के खिलाफ सख्त से सख्त करवाई की मांग करि है। दूसरी तरफ इस मैगज़ीन को नाम भी, इस विशेषांक को नाम भी “पेलेट” दिया गया है, यानि की कश्मीरी सप्रेटस – वहा के अलगाववादियों को समर्तन देती यह पत्रिका है इस बात की। जहा भारत का हर जवान सैनिक सीमा पे हर दिन अपनी जान को दाव पे लगा कर देश की सुरक्षा में कमी नहीं छोड़ रहा है अपने घरवालो का भी नहीं सोचता है वही उसी के देश का युवा कश्मीरी अलगावादियों के नाम पे कॉलेज की मैगज़ीन बना रहा है।
दरसल सुप्रीम कोर्ट के नियमो के मुताबिक सिनेमा हॉल में मूवी शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजना अनिवार्य है और इस दौरान दिव्यांगों को छोड़ कर सबका खड़ा होना जरूरी है। सुप्रीम कौर के इसी आदेश पर विरोध जताने के लिए छात्र संगठन स.फ.ई ने कॉलेज मैगज़ीन में इस अप्पतिजनक तस्वीर को छापा। जिस के बाद से यह मैगज़ीन विवादों में है। अखिल भारतीय विध्यार्ती परिषद् ने राष्ट्रीय गान के अपमान का आरोप लगा कर मैगज़ीन निकलने वालो पर करवाई की मांग की है। वही दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजेन्द्र बग्गा ने ट्वीट कर कहा “स.फ.ई की ओर से केरल के ब्रेनन कॉलेज में प्रकाशित की गयी मैगज़ीन में राष्ट्रीय गान का अपमान किया है।
इस में दो लोगो से सेक्स करने का आग्रह किया जा रहा है जबकि थिएटर राष्ट्र गान बजता दिखाया जा रहा है।” हलाकि कॉलेज के प्रिंसिपल “मुरली दस्” को स्केच में कुछ बी गलत नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा है, “कुछ रचनाओं को अलग कोण से देखने में गलतफैमी जरूर पैदा हो गयी है मैगज़ीन में कुछ बी ऐसा गलत नहीं है अगर संक्रिण सोच से देखे तो गलतफेमि होती है। हम छात्रो को इस बात को समझने का प्रयास कर रहे है।” कॉलेज प्रशाशन का यह बी कहना है की यह स्केच अभिवयक्ति के आज़ादी के नाम पे छापा गया है जब की स्केच को देख कर किसी भी देश से प्यार करने वालो को शर्म आ जाएगी।
आप यह सोचने पे मजबूर हो जायेंगे की ऐसी करतूतों के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी चाहिए। केरल के मुख्यमंत्री “पिनारई विजयन” इस कॉलेज के पूर्व छात्र है। मैगज़ीन में अप्पत्तिजनक स्केच के बाद कई बर्डे सवाल उठ रहे है। सवाल नो. १ – क्या स.फ.ई राष्ट्रीय गान का मखौल उड़ा कर राजनितिक माहौल बनाना चाहती है। सवाल नो. २ – क्या सिर्फ अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर ऐसे स्केच को ज्याज ठराया जा रहा है। सवाल नो. ३ – छात्र क्रांति की बात करने वाले छात्र संगठन स.फ.ई ऐसी अश्लील सोच के साथ क्रांति करना चाहती है। सवाल नो. ४ – क्या राष्ट्र गान या राष्ट्र प्रतीकों के अपमान से ही क्रांति आएगी।
सवाल नो. ५ – आखिर सर्कार ऐसे लोगो पर कठोर और सबक देने वाली करवाई क्यों नहीं करती है। वामपंथी छात्र संगठन स.फ.इ इससे पहले बी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने के मामलो में विवादो में रही है। तो इस मैगज़ीन के इस पेज के बाद इस तरह की बाते सामने आ रही है की क्यों न इन् लोगो पर एक्शन लिया जाये और दूसरी ओर अभिवयक्ति की आज़ादी के नाम पर कच भी ज्याज हो सकता है। और यह जो कवर पेज को “पेलेट” नाम दिया गया है यानि की पेलेट गन, कश्मीर जो सबसे बड़ा मुद्दा उभरा था।